एफआईआर पर भड़कीं ऋचा, पुलिस के कहने पर छात्रों को सूचना देने का किया दावा

सिविल बस अड्डे पर रविवार सुबह हजारों छात्रों की भीड़ इकट्ठा होने के मामले में पुलिस ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष एवं सपा नेता ऋचा सिंह समेत चार छात्र नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है लेकिन, ऋचा का दावा है कि पुलिस के कहने पर ही उन्होंने छात्रों को सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना भेजी थी कि रविवार सुबह सिविल लाइंस बस अड्डे से कुछ शहरों के लिए बसें चलाई जाएंगी। ऋचा ने इस बाबत पुलिस महानिदेशक को पत्र भी भेजा है।


ऋचा ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 36 हजार विद्यार्थी हैं और इनमें से 12 हजार छात्राएं हैं। लॉक डाउन के कारण बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं प्रयागराज में फंसे हैं और घर वापसी का कोई साधन नहीं है। ऋचा ने पत्र के माध्यम से डीजीपी को बताया है कि 28-29 की मध्यरात्रि को उनके पास पुलिस के एक अधिकारी का फोन आया और उन्होंने  बताया कि सुबह चार से सात बजे के बीच सिविल लाइंस बस अड्डे से लखनऊ, रायबरेली, वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़ के लिए कुछ बसें चलाई जाएंगी। वह अपने स्तर से छात्रों को सूचित कर दें। 

ऋचा का कहना है कि उस वक्त काफी राहत हो चुकी थी, सो उन्होंने छात्रों तक सूचना पहुंचाने के लिए फेसबुक का सहारा लिया और यह सूचना फेसबुक पर पोस्ट कर दी, लेकिन अगले ही दिन पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। डीजीपी को लिखे गए पत्र में उस मोबाइल नंबर की जानकारी भी दी गई है, जिस नंबर से ऋचा के पास फोन आया था। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष का कहना है कि पुलिस ने धाराएं भी ऐसी लगाई हैं, जो हास्यास्पद हैं। उसमें एक धारा ऐसी है, जिसके तहत कंप्यूटर से डाटा चुराना या डाटा से छेड़छाड़ का मामला बनता है, जबकि उन्होंने ऐसा कुछ किया ही नहीं। ऋचा ने डीजीपी से मांग की है कि वह अपने स्तर से इस मामले कोक देखें और उचित कार्रवाई करें।